राजस्थान की स्थिति विस्तार Short RajasthanGyan Notes

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राजस्थान की स्थिति विस्तार Short RajasthanGyan Notes
स्थिति और विस्तार

राजस्थान कि नदियां व अपवाह तंत्र RAS REET NOTES

राजस्थान राज्य का सामान्य ज्ञान: भाग – 1

  • राजस्थान की स्थिति विस्तार विश्व मे उत्तर पूर्वी है जबकि राजस्थान की स्थिति भारत मे उत्तर पश्चिम में है।
  • राजस्थान भौतिक स्थिति से ग़ौडवाड लैंड का भाग है जबकि राजनीतिक दृष्टि से अंगारा लैंड का भाग कहा जाता है ।
  • राजस्थान की अक्षांश स्थिति 23 डिग्री 03 उत्तरी अक्षांश (बोरकुंड, बाँसवाड़ा) से 30 डिग्री 12 उत्तरी अक्षांश (कोणा, श्री गंगानगर) है ।  राजस्थान की देशांतर स्थिति 69 डिग्री 30 पूर्व देशांतर(कटरा, जेसलमेर) से 78 डिग्री 17 पूर्व देशांतर (सिलाना, धौलपुर) है ।
  • राजस्थान से कर्क रेखा 2 राज्यों से होकर गुजरती है और यह 26 किलोमीटर है जिसमें से बांसवाड़ा 25 किलोमीटर और डूंगरपुर 1 किलोमीटर है ।
  • राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,239 किलोमीटर / 1,32,140 वर्ग मील है | राजस्थान भारत के क्षेत्रफल का 1/10 भाग (10.41%) है ।
  • राजस्थान की चौड़ाई 826 किलोमीटर जो उत्तर से दक्षिण की ओर है और राजस्थान की लंबाई 869 पूर्व  से पश्चिम की ओर है ।
  • राजस्थान की कुल सीमा रेखा 5920 किलोमीटर है जिसमें से राज्य की पाकिस्तान के साथ रेडक्लिफ सीमा रेखा 1070 किलोमीटर है | राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा में 4 जिले आते हैं जैसलमेर 464 किलोमीटर, बाड़मेर 228 किलोमीटर, गंगानगर 210 किलोमीटर, बीकानेर 168 किलोमीटर |
  • अंतर्राज्यी सीमा 4850 किलोमीटर है | जबकि अंतर राज्य सीमा में राजस्थान 5 राज्यों से अपनी सीमा बनाता है पंजाब 89 किलोमीटर, हरियाणा 1262 किलोमीटर, उत्तर प्रदेश 877 किलोमीटर मध्य प्रदेश 1600 किलोमीटर, गुजरात 1022 किलोमीटर |
  • राजस्थान की स्थिति विस्तार Short RajasthanGyan Notes
  • राजस्थान का मध्य जिला नागौर है ।
  • राजस्थान का सर्वाधिक जिलों से सीमा लगाने वाला जिला पाली (नागौर, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, राजसमंद, अजमेर) ।
  • वे जिले जो ना तो अंतरराष्ट्रीय सीमा बनाते हैं और ना  ही अंतर राज्य सीमा बनाते है । (नागौर, जोधपुर, पाली, राजसमंद, अजमेर, बूंदी, टोंक, दौसा)
  • राज्य के अलवर और भरतपुर जिले देश की राजधानी में आते हैं ।
  • राजस्थान का सबसे बड़ा जिला जैसलमेर और सबसे छोटा जिला धौलपुर है ।
  • राजस्थान की सबसे बड़ी रियासत मारवाड़ और सबसे छोटी रियासत झालावाड़ है ।
  • राजस्थान की सबसे पुरानी रियासत मेवाड़ और सबसे नवीन रियासत झालावाड़ है ।
राजस्थान की स्थिति विस्तार Short RajasthanGyan Notes

राजस्थान को भौतिक रूप से चार भागों में बांटा गया है ।

राजस्थान की स्थिति विस्तार Short RajasthanGyan Notes

उत्तर-पश्चिमी मरुस्थल

  • उत्तर-पश्चिमी मरुस्थल को थार का मरुस्थल कह्ते है यह टेथिस सागर का अवशेष है जो ग्रेट इंडियन डेजर्ट के नाम से जाना जाता है।
  • अरावली पर्वत माला के पश्चिम में स्थित क्षेत्र को पश्चिमी रेतीली भूमि कहते हैं जिसका  क्षेत्रफल लगभग 1,75,000 वर्ग किलोमीटर है । यह प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 61.11% है । यह राजस्थान के लगभग दो तिहाई क्षेत्रफल में यह फैला हुआ है जहां पर राज्य की 40% जनसंख्या निवास करती है ।
  • इस प्रदेश को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है शुष्क मरुस्थल प्रदेश अर्ध शुष्क मरुस्थल प्रदेश । और यह विभाजन का कार्य 25 सेमी बर्षा करती है ।
  • यहांरेत  के विशाल लहर दार टीले है हैं जिसे धौरे कहते हैं  प्रदेश में शुष्क व अत्यधिक  विषम जलवायु पाई जाती है ।  यह विश्व का सबसे आबादी व जन घनत्व वाला मरुस्थल है यहां सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती है अतः इस क्षेत्र को रुक्ष क्षेत्र भी कहते हैं ।
  • अर्धचंद्राकार विशेष आकृति के बालू के टीले बरखान कहलाते हैं तो बरखान के बीच का मार्ग गारो कहलाता है ।
  • मरुस्थलीकरण का प्रसार राजस्थान से दिल्ली,  हरियाणा,  उत्तर प्रदेश, व  मध्य प्रदेश राज्य की ओर हो रहा है। यह दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़  रहा है ।

राजस्थान की स्थिति विस्तार Short RajasthanGyan Notes

उत्तर-पश्चिम मरुस्थल को दो भागों में बांटा गया है ।

शुष्क प्रदेश को दो भागों में बांटा गया है ।

शुष्क प्रदेश :- जैसलमेर, बीकानेर, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरु, नागौर, जोधपुर, बाडमेर ।

बालुका युक्त प्रदेश : – यहा वायु से मिट्टि अपरदन सर्वाधिक होता है । तथा बालुका स्तूप बनते है । कुछ बालुका स्तूप निम्न है ।

  • अनुप्रस्थ बालुका स्तूप : – वे बालुका स्तूप जो पवन कि दिशा मे समकोण पर बनते है ।
  • अनुदैर्य बालुका स्तूप : – वे बालुका स्तूप वायु के समांतर बनते है ।
  • बरखान बालुका स्तूप : – ये बालुका स्तूप अस्थायी अर्ध्द चंद्राकार आकार का बनता है । अनुप्रस्थ बालुका स्तूप का अनुसरण करता है और ये सर्वाधिक शेखावाटी प्रदेश मे बनते है ।
  • पैराबौलिक बालुका स्तूप : – ये बालुका स्तूप सर्वाधिक मात्रा मे बनते है । इनकी आकृति बरखान के विपरीत बनता है ।
  • सीप बालुका स्तूप : – सीप बालुका स्तूप अनुदैर्य बालुका स्तूप का अनुसरण करता है । ये जैसलमेर मे सर्वाधिक बनते है ।
  • तारा बालुका स्तूप : – ये सर्वाधिक हम्माद मरुस्थल मे बनता है । जैसलमेर, जोधपुर, बाडमेर ।
मरुस्थल तीन तरह के होते है - 1. हम्माद, 2. ईर्ग, 3. रेंग 
हम्माद : - ऐसा मरुस्थल जो पथरीला है ।
ईर्ग : - ऐसा मरुस्थल जो रेतीला है ।
रेंग : - ऐसा मरुस्थल जो पथरीला + रेतीला है । 
हम्माद + ईर्ग + रेंग जहॉ तीनो का संगम है उसे SEEZ (Solar Energy Enterprise Zone) कहते है । 
स्थान : - पोकरण (जैसलमेर), फलौदी (जोधपुर), बालोतरा (बाडमेर)

बालुका मुक्त प्रदेश : – जहॉ वनस्पति, जल, खनिज आदि है ।

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अर्ध शुष्क प्रदेश को चार भागो मे बांटा जाता है ।

घग्गर का मैदान: – यह श्रीगंगानगर व हनुमान गढ़ जिले में है । यहाँ से घग्गर नदी बहने के कारण इस क्षेत्र को घग्गर का मैदान कहते है ।

बांगर प्रदेश/शेखावाटी प्रदेश : – यह चुरु, नागौर, झुंझुनू व सीकर जिले है । इस क्षेत्र मे उबड खाबड चट्टानो के करण इसे बांगर प्रदेश भी कहते है । शेखावटी क्षेत्र में कुओ को स्थानीय भाषा में जोहड कहते हैं तो घास के मैदान को बीड कहते हैं ।

नागौरी उच्च भूमि : – यह प्रदेश नागौर जिले मे है । नागौर और अजमेर के मध्य के भाग को कुबड पट्टी के नाम से जाना जाता है ।

लूनी बेसिन/गोड़वाड़ प्रदेश : – इसमे पाली, जोधपुर, बाडमेर, सिरोही, जालौर है । इस प्रदेश मे लूनी नदि के बहने से इसे लूनी बेसिन कहते है ।

अरावली पर्वतीय प्रदेश

  • अरावली पर्वत गोंडवाना लैंड का अवशेष है। अरावली पर्वत श्रंखला का शाब्दिक अर्थ चोटियों की पंक्तियां हैं जो सबसे प्राचीनतम वलित पर्वत श्रंखला है जिसका उद्भव कैंब्रियन युग के पूर्व हुआ लेकिन संरचनात्मक दृष्टि से अरावली पर्वत श्रंखला देहली क्रम की है ।
  • सीसा, जस्ता और तांंबा जैसे धात्विक धातु राजस्थान के अरावली पहाड़ी क्षेत्र में पाए जाते हैं ।
  • अरावली पर्वतमाला की शुरुआत पालनपुर गुजरात से होती है जबकि इसका अंत दिल्ली की रायसीना हिल्स पर होता है ।
  • राज्य में अरावली पर्वतमाला खेडब्रह्मा सिरोही से खेतड़ी झुंझुनू तक फैली हुई है ।
  • इसकी कुल लंबाई 692 किलोमीटर है जिसमें से राजस्थान में 550 किलोमीटर है ।
  • यह प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 9% है और यहा राज्य की 10% जनसंख्या निवास करती है ।
  • अरावली पर्वत माला का राज्य में सर्वाधिक विस्तार दक्षिणी राजस्थान में या उदयपुर में है ।
  • अरावली पर्वत माला का सबसे कम विस्तार मध्य राजस्थान में या अजमेर में है ।
  • अरावली पर्वतमाला भारत में महान जल विभाजक रेखा का कार्य करती है और अरावली पर्वतमाला राजस्थान को दो भागों में बांटती है ।
  • अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर सिरोही 1727 मीटर है इसे कर्नल जेम्स टॉड ने ” संतो का शिखर ” कहा है ।
  • अरावली पर्वत माला अरब सागर से शुरू होती है इसी कारण अरब सागर को अरावली पर्वतमाला का पिता कहा जाता है ।
  • अरावली पर्वतमाला की औसत ऊंचाई 930 मीटर है ।
  • राजस्थान की स्थिति विस्तार Short RajasthanGyan Notes

अरावली प्रदेश को तीन भागो मे बांटा गया है ।

उत्तरी अरावली कि चोटीयॉ : –

क्रम न.चोटी का नामउँचाई(मी)स्थान
1.रघुनाथगढ (सर्वोच्च शिखर)1055सीकर
2.लोहार्गल1051झुंझनु 
3.खो920जयपुर
4.सांभर900जयपुर
5.भैरोच792अलवर
6.बिलाली775अलवर

मध्य अरावली कि चोटियॉ : –

क्रम न.चोटी का नामउँचाई(मी)स्थान
1.टॉडगढ़(सर्वोच्च शिखर)934अजमेर
2.तारागढ 873अजमेर

दक्षिणी अरावली कि चोटियॉ : –

क्रम न.चोटी का नामउँचाई(मी)स्थान
1.गुरु शिखर(सर्वोच्च शिखर)1727सिरोही
2.सेर1597सिरोही
3.दिलवाडा1442सिरोही
4.जरगा1431उदयपुर
5.अचलगढ 1380सिरोही
6.आबू पर्वत1295सिरोही
7.कुम्भलगढ़1224राजसमंद
8.धोनिया 1183उदयपुर
9.जेलिया डूंगर 1166सिरोही
10.जयराज की पहाड़ी1090सिरोही
11.ऋषिकेश1017सिरोही
12.कमलनाथ1001उदयपुर
13.सज्जनगढ़938उदयपुर
14.रोजा भाकर 730जौलौर

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पूर्वी मैदानी प्रदेश

  • पूर्वी मैदानी प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 23% है जहां पर 39 % जनसंख्या निवास करती है ।
  • इस प्रदेश में राज्य कि सर्वाधिक जनसंख्या निवास करती है ।
  • इसे मुख्यत: चार भागों में बांटा गया है
राजस्थान की स्थिति विस्तार Short RajasthanGyan Notes
  • बाणगंगा का मैदान : – यह जयपुर, दौसा, भरतपुर जिले मे है । यहाँ जलोढ दोमट मिट्टी पायी जाती है ।
  • बनास का मैदान : – बनास को दो भागो मे बाँटा है
    1. उत्तरी भाग : – मालपुरा करौली का मैदान ( अजमेर, टोंक, सवाई-माधोपुर, करौली) ।
    2. दक्षिणी भाग : – मेवाड क मैदान (राजसमंद, चित्तौडगढ, भीलवाडा)
  • चम्बल का मैदान : – अवनलिका अपरदन – कोटा मे । उत्खात भूमि () – कोटा मे । बीहड भूमि – सवाई माधोपुर । बीहड भूमि सर्वाधिक % – धौलपुर। डांग क्षेत्र – करौली, धौलपुर, माधोपुर ।
  • माही का मैदान : – बासवाडा व प्रतापगढ के मध्य के भाग को माही का मैदान कहते है ।

दक्षिण पूर्वी पठार

  • दक्षिण पूर्वी पठार या हाडौती का पठार राजस्थान के अरावली पर्वत तथा विध्यांचल पर्वत के मध्य मालवा का पठार, दक्षिण पूर्वी पठार या हाडौती का पठार स्थित है ।
  • हाडौती का पठार जिसकी मिट्टी का रंग काला है और बाली पत्थर की चट्टानों से निर्मित है ।
  • यह प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का 6% भाग है जहां पर राज्य की 11% जनसंख्या निवास करती है ।
  • यह कोटा से झालावाड़ जिले में फैली हुई है ।
  • राजस्थान में बृहद सीमांत ब्रांच बूंदी सवाई माधोपुर की पहाड़ियों के सहारे फैला हुआ है अरावली के विधान के मिलन का मिलन स्थल का ब्रांच महान सीमा ब्रांच ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट के लाता है

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